29.5.06

भ्रमण :: अहमदाबाद [3]

गुजरात साइंस सिटी



कोलकाता के बाद भारत की दुसरी विज्ञान नगरी - गुजरात साइंस सिटी. 107 एकड में फैली यह नगरी अभी तक निर्माणावस्था में है, परंतु कई सारे विभाग पुरे हो चुके हैं. आइए देखते हैं.

IMax 3D थीएटर:

भारत का पहला IMax 3D थीएटर यहाँ स्थित है (मुम्बई में IMax पहले बना था पर वो 3D नही है). यह यहाँ का सबसे बडा आकर्षण है. IMax की स्क्रीन सामान्य सिनेमा स्क्रीन से 10 गुना बडी होती है. और फिर अल्ट्रासोनिक डोल्बी साउंड में विशेष ऐनक लगाकर त्रीआयामी दृश्यों को देखने के रोमांच का वर्णन तो किया नहीं जा सकता.



Hall of Science:
यहाँ आप विज्ञान से सम्बन्धीत ढेर सारे प्रयोग कर सकते हैं. प्रवेश शुल्क भी मामुली सा है. अगर आप IMax फिल्म की टिकट भी लेते हैं तो प्रवेश मुफ्त है.

थ्रील राइडर:

इसमें बैठकर आप अंतरीक्ष की उडान पर चले जाइए और एलियन से मुकाबला करीए. एक स्पेश शटल के अनुभव का मजा लिजिए.

म्युजीकल फुवारा:
और रात ढलते ही संगीतमय फव्वारे का आनन्द लेना ना भुलें. ध्यान दें, यह एशिया का सबसे बडा म्युज़ीकल फाउंटेन है. यह 9000 स्के. मीटर में फैला हुआ है. इसमें 113 जेट, 935 बत्तीयाँ, 4 पम्प, 2073 नोज़ल और 273 इफेक्टस हैं. इसको लगाने का खर्च 330 लाख का है. पर टिकट के दर जानते हैं? 20 रूपये मात्र.
इसका मैं तीन बार आनन्द ले चुका हुँ, और यकीन मानिये ऐसा लगता है जैसे स्वर्गलोक में आ गये हों. सचमुच अद्भूत है.



इसके अलावा यहाँ एक एम्पी थीयेटर, और एनर्जी पार्क है.
भविष्य में एक अर्थ स्टेशन बनने वाला है (निर्माणकार्य जारी), जिसमें लोगों को प्राकृतिक आपदाओं जैसे कि भूकम्प, तुफान आदि का प्रत्यक्ष अनुभव कराया जाएगा.
तो कब आ रहे हैं, घुमने?
साइंस सिटी का पता:
गुजरात साइंस सिटी
हेबतपुर, सोला-सांतेज रोड,
अहमदाबाद.
फोन: +91 -79 - 55 22 21 27
वेबसाइट: http://www.scity.org
अगली कडी में: अडालज वाव

28.5.06

भ्रमण :: अहमदाबाद [2]

कांकरीया झील:

अहमदाबाद आकर कांकरीया झील ना जाएँ ये कैसे हो सकता है. कांकरीया झील पुराने अहमदाबाद की पहचान है. इसके विशिष्ट आकार तथा कद के कारण यह हमेंशा से भ्रमण के लिए बेहतरीन जगह रही है. सबसे पहले गुगल अर्थ के द्वारा लिया गया यह सेटेलाईट चित्र देखें:



दूर से पुरी तरह गोल नज़र आती यह विशाल झील वास्तव में गोल नही है. यह कुल मिला कर 32 बाजुओं (साइड) से बनी है, प्रत्येक बाजु करीब 60 मीटर बडी है. पुरी झील करीब दो किलोमिटर की परिधी में फैली है.




इस झील को सुल्तान कुत्तुबुद्दीन ने सन 1451 में बनाया था. ईस झील के बीचोबीच एक उद्यान तथा सैरगाह है जिसे नगीनावाडी कहा जाता है.



यह जगह मुगल राजा जहाँगीर तथा नूरजहाँ की पसन्दीदा जगह थी. तथा वो गर्मी के प्रकोप से बचने के लिए इस जगह आया करते थे.

कांकरीया झील के चारों तरफ बच्चों के घुमने के लिए कई सारी जगह है. बालवाटीका में वो तरह तरह के झुले झुल सकते हैं, चिडीयाघर में विभीन्न प्राणी देख सकते हैं, एक मत्स्यालय तथा वोटरपार्क भी है.

यहाँ घुमने का सही समय वैसे तो शाम का ही है पर अगर उपरोक्त बताए जगहों पर भी जाना चाहें तो दोपहर तक आना उत्तम रहता है. रात ढलने पर आप म्युजीकल फाउंटेन का मज़ा भी ले सकते हैं.

कांकरीया झील वैसे तो पुराने शहर में स्थित है, पर आधुनिकता का असर वहाँ पर भी दिखने लगा है. कांकरीया के पास ही स्थित है गुजरात का सबसे बडा शोपिंग मॉल 10 एकर्स (अभी तक). तो रात में शोपिंग भी कर सकते हैं. तो हो आइए.
अगली बार: साइंस सीटी

25.5.06

भ्रमण :: अहमदाबाद [1]

अहमदाबाद घुमना चाहेंगे, मैरे साथ. चलिए सैर करते हैं.. सिर्फ घुमेंगे नहीं, बहुत कुछ जानेंगे भी.

आज चलेंगे, सिद्दी सयैद जाली और वस्त्रापुर झील.


  • सिद्दी सयैद जाली:




यह जाली बहुत ही प्रसिद्ध है. यह जाली जिस मस्जीद में लगी है, उस मस्जीद को अहमदाबाद के सुल्तान ने अपने जीवन के आखिरी सालों में बनाया था. यह मस्जीद सन 1573 में बनी थी.

इसमें क्या खाश है? जरा नक्काशी को गौर से देखिए.. असम्भव सी लगती है ना!! यह जाली कितनी प्रसिद्ध है, इसका अन्दाजा इसीसे लगाया जा सकता है कि, आई. आई. एम अहमदाबाद, जैसी विश्वप्रसिद्ध संस्था का लोगो इसीपर आधारीत है.




  • वस्त्रापुर झील:




झील जैसी झील, इसमें खाश क्या? है ना! दो खाश बातें हैं. पहली तो यह कि इस झील से मेरा घर मात्र 200 मीटर दूर है.

दुसरी खाश बात... तीन साल पहले यहाँ बडी सी झोपडपट्टी बस्ती हुआ करती थी. बदबू इतनी की निकला ना जाए पास में से. आज यहाँ पाँच करोड की लागत से बनी (अहमदाबाद में निर्मीत और निर्माणाधीन कई झीलों में से एक) यह झील है.

यहाँ वॉक वे है, बच्चों के लिए खेल कुद के साधन हैं. एक नाट्य मंच है और हाँ प्रेमी प्रेमिकाओं के बैठने की जगह भी है.

वस्त्रापुर लेक में नर्मदा का पानी बहता है. नर्मदा नहर का पानी सभी झीलों में जोडा गया है. वैसे शहर के मध्य में से निकलने वाली साबरमती नदी में भी नर्मदा का पानी बहता है.

और वो झोपडपट्टी किधर गई. ना भाई ना.. मेरे सेक्युलर दोस्त ना घभराएँ. भाजपा की सरकार ने उन्हे घर से बेघर नही किया है. उनको पक्का मकान मिल गया है, दुसरी जगह.

अगली कडी में चलेंगे कांकरीया झील.

20.5.06

एक अच्छी ख़बर

आज सुबह गुजराती समाचारपत्र दिव्य भास्कर में एक अच्छी ख़बर पढने को मिली.

ख़बर थी दो बलात्कारीयों को 12 साल की सज़ा होने की. अब यह ख़बर आज के दौर में सामान्य सी लगती है, पर इसमें कुछ असामान्य तथ्य हैं. यह घटना संक्षिप्त में इस तरह से है:

अगस्त 2004 में दो युवकों ने एक मुक बधीर तथा मानसिक रूप से विकलांग महिला के साथ बलात्कार किया. युवती उस समय लोगों को कुछ भी बताने में असमर्थ रही. घटना के पाँच महिनों बाद जब उस युवती के अभीभावकों को पता चला कि वो गर्भवती है तो वो उसे पागलखाने छोड आये. वँहा उसकी हालत और ख़राब हुई तो संचालकों ने पुलिस बुलाई. पुलिस इंस्पेक्टर को निरिक्षण के बाद लगा कि युवती के साथ कुछ बुरा हुआ है तो उन्होने खुद ही प्राथमिकी दर्ज कराई तथा अहमदाबाद मुक बधीर शाला के एक अध्यापक की मदद से युवती से बात की. इशारों में युवती ने बताया कि उसके साथ क्या हुआ है. पुलिस उसे घटनास्थल भी ले गई, जँहा युवती ने वो वाहन भी पहचान लिया जिसमें बिठाकर वे दो युवक (वाघेला और लड्डु चौहान) उसे सुनसान जगह लाए थे. पुलिस इस तरह दोनों आरोपियों तक पहुँची.

अदालत में युवती ने एक महिला वकिल के दुपट्टे को जमीन पर बिछाकर बताया कि उसके साथ क्या हुआ था, तथा आरोपीयों की तरफ इशारा भी किया.

जाँच से पता चला कि युवती गीरीश वाघेला नाम के युवक से गर्भवती थी.

कहानी में मोड तब आया जब वाघेला के घरवालों तथा युवती के माँ बाप ने अदालत के बाहर समझोता कर लिया और वो लडका युवती से विवाह करने को राजी हो गया.

पर न्यायाधीश सोनियाबेन ने यह दलील अस्विकार कर दी तथा दोनों युवकों को 12 साल कैद की सज़ा सुना दी. उन्होनें कहा कि इस तरह से केस को बन्द कर देने से लोगों को न्यायतंत्र से विश्वास उठ जाएगा. बलात्कार करके शादी रचा लेना पाप को ढकना नही हो सकता.

यह ख़बर असामान्य है क्योंकि:

  • एक मुक बधीर एवँ मानसिक रूप से विकलांग युवती के इशारों को मान्य रखा गया.
  • DNA टेस्ट कराके सुनिश्चीत किया गया कि गर्भ किसका है
  • अदालत के बाहर समझौता होने के बावजुद आरोपीयों को सज़ा हुई


14.5.06

सन्डे का टाईमपास : कराची में करीना आगे

अब गुगल ट्रेंड्स तो यही बताता है. मैनें ऐश्वर्या तथा करीना को भिडाया तो पता लगा सिर्फ कराची ही ऐसा शहर है जहाँ करीना ऐश से भी आगे है. यानि की वहाँ के लोगों ने करीना को ज्यादा सर्च किया ऐसा!! कराची वालों शाबाश; शाहिद आ रहा है फ्री में शो करने... आखिर उसकी बेबो को आपने जीताया है भई!!!




करीना : ऐश्वर्या
फिर सोचा जरा करीना के साथ मल्लीका को भिडाऊँ.... ये ल्लो ये रहा रिजल्ट... ओये होये दिल्लीवालों
शाहिद की नज़रे इनायत होने वाली है. शाबाश अमित....आपने भी करीना जीता दी.. वल्लाह!!!
मल्लीका : करीना
आइए परिचर्चा पर फालतु की चर्चा करें की सबसे होट कौन? :-)

11.5.06

कश्मीरीयों के लिए केबल टीवी बन्द. अब आगे क्या?

बहुत दिन हो गए मंतव्य पर कुछ लिखा नहीं था. समय नहीं मिल पा रहा था. पर आज एक
ख़बर पढी और लिखे बिना ना रहा गया.

खबर है कि चरमपंथीयों ने कश्मीर में केबल टीवी के प्रसारण पर रोक लगा दी है. केबल ऑपरेटरों का कहना है कि उन्हें चेतावनी दी गई है कि अगले 10 दिनों के अंदर सभी कार्यक्रम बंद हो जाने चाहिए. सही है भाई, लोगों तक बात नहीं पहुँचनी चाहिए और ना ही कोई समाचार पँहुचना चाहिए.

हिज़्बुल मुजाहिदीन भले ही कह ले कि "ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि सेक्स स्कैंडल से लोगों का ध्यान दूसरी ओर भटकाया जा सके." पर यह कोई तरीका तो नहीं हुआ. ऐसा क्यों लग रहा है हमारे देश में अब तालीबान मार्का हरकतें नज़र आने लगी है.

घाटी के लोग क्या किसीकी जागीर हैं? आज केबल बन्द करवा रहे हो, कल कहोगे सिनेमा बन्द करो, फिर ब्युटी पार्लर (वो तो वैसे भी घाटी में मुश्कील से नज़र आते हैं), फिर संगीत, फिर खेल.... कर दो सब बन्द. ये मुस्लीम चरमपंथी कब समझेंगे कि इस तरह लोगों की जिन्दगी से खिलवाड करने का हक उनको किसने दिया?

अफग़ानीस्तान में लोगों को तडपा कर उनको क्या हासिल हुआ. यह कौन सा रास्ता है अल्लाह का? पर यह तो कोई समझदार व्यक्ति समझेगा ना! इन चरमपंथीयों अगर दिमाग होता (रचनात्मक) तो कोई ढंग का काम करते. शांति से जीते और जीने देते.