3.10.08

क्या गुजरात का एक भी शहर महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं!

नेटवर्क 18 समूह की समाचार साइट IBNlive.com, एक सर्वेक्षण करा रही है, जिसमें लोगों से पूछा जा रहा है कि भारत का कौन सा शहर महिलाओं के लिए सबसे अधिक सुरक्षित है?

लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि गुजरात के एक भी शहर को इस सूचि मे शामिल नही किया गया है.

गौरतलब है कि गुजरात के शहर अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा, राजकोट आदि महिलाओं के लिए हमेशा से सुरक्षित माने जाते रहे हैं. इन शहरों का सूचि मे ही ना होना और दिल्ली का होना, इस पोल की निष्पक्षता पर सवाल खडे करता है.

कुछ लोगों ने भी टिप्पणी देकर इस पर आश्चर्य व्यक्त किया. मैने भी दो बार टिप्पणी दी, लेकिन मेरी टिप्पणियाँ अभी तक प्रकाशित नहीं की गई है.

कुछ मीडिया चैनलों और उनकी साइटों का गुजरात के प्रति विषम दृष्टिकोण हमेशा से दिखता आया है. इससे पहले भी गुजरात चुनाव के समय मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ मीडिया के कुछ हलके स्वर उठाते रहे थे और अनर्गल प्रचार भी करते रहे थे, लेकिन हकीकत यही है मोदी ना केवल जीते बल्कि भारी बहुमत से जीते.

इससे यही सिद्ध होता है कि हमारी मीडिया को जमीनी हकीकत की कोई जानकारी ही नही है.

क्या दंगे यहीं हुए है और भारत के अन्य किसी स्थान पर नहीं हुए हैं. यदि नहीं तो क्या पूरे देश को असुरक्षित समझा जा सकता है?

हमारी टीम ने यहाँ कई लोगों से इस बाबत पूछा तो सभी ने आश्चर्य व्यक्त किया कि गुजरात का एक भी शहर सूचि मे नही है.

श्री माणेकभाई शाह ने कहा कि, खबरी चैनल और विशेषकर आईबीएन का गुजरात के प्रति भेदभाव जगजाहिर है. लेकिन ऐसा करके वे मात्र सस्ती लोकप्रियता ही हासिल कर सकते हैं और कुछ नहीं.

यहाँ के जुहापुरा (मुस्लिम बहुल) इलाके के श्री जावेद फार्रूकी के अनुसार, अहमदाबाद मे महिलाएँ सबसे अधिक सुरक्षित हैं और मुसलमान भी. यह तो खबरी चैनल हैं, जिन्हे मात्र सनसनी फैलानी ही अच्छी लगती है.

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